रोजगार किसी भी समाज की प्रगति और स्थिरता के लिए आधारशिला है। आत्मनिर्भर समाज का निर्माण तभी संभव है, जब हर व्यक्ति को अपनी क्षमताओं और कौशल के अनुसार रोजगार के अवसर प्राप्त हों। हमारा संगठन, "सनातन धर्म उत्थान संघ", रोजगार के अवसर प्रदान करने और समाज के हर वर्ग को आत्मनिर्भर बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। हमारा लक्ष्य केवल बेरोजगारों को रोजगार दिलाना ही नहीं, बल्कि उन्हें स्वरोजगार के लिए प्रेरित करना और उन्हें आवश्यक संसाधन और प्रशिक्षण उपलब्ध कराना है।
स्वरोजगार किसी भी व्यक्ति को आत्मनिर्भर बनाने का सबसे सशक्त माध्यम है।
हस्तशिल्प, मूर्तिकला, और अन्य पारंपरिक कुटीर उद्योगों को बढ़ावा देना। ग्रामीण क्षेत्रों में कृषि आधारित उद्योगों जैसे डेयरी फार्मिंग, मधुमक्खी पालन, और ऑर्गेनिक खेती को प्रोत्साहित करना।
डिजिटल युग में युवाओं को ऑनलाइन व्यापार और फ्रीलांसिंग जैसे क्षेत्रों में प्रशिक्षित करना। ई-कॉमर्स के माध्यम से अपने उत्पादों को बेचने की सुविधा देना।
ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में कई लोग रोजगार के अवसरों से वंचित हैं। शिक्षा और कौशल की कमी रोजगार पाने में एक बड़ी बाधा है।
परिवारों की आर्थिक स्थिति खराब होने से लोग स्वावलंबी नहीं बन पाते। रोजगार के अभाव में समाज में गरीबी और असमानता बढ़ रही है।
रोजगार और आर्थिक प्रलोभन के कारण समाज के कमजोर वर्ग धर्म परिवर्तन के शिकार हो जाते हैं।
हमने रोजगार के अवसरों को बढ़ाने और समाज को आत्मनिर्भर बनाने के लिए कई योजनाएं शुरू की हैं।
रोजगार मेलों का उद्देश्य:
कंपनियों से सहयोग:
छोटे यवसाय:
महिलाओं का सशक्तिकरण:
कौशल आधारित कार्य:
हम महिलाओं को रोजगार में भागीदार बनाकर उनके आर्थिक और सामाजिक सशक्तिकरण पर जोर देते हैं।
यह मंच सेवा प्रदाताओं और ग्रहणकर्ताओं को जोड़ता है। सदस्य अपनी सेवाओं जैसे ट्यूशन, चिकित्सा परामर्श, और ज्योतिषीय सेवाओं की पेशकश कर सकते हैं।
सेवा प्रदाताओं को रोजगार का अवसर। ग्रहणकर्ताओं को उचित दर पर विश्वसनीय सेवाएं।
रोजगार के अवसर बढ़ाने के लिए
यह पोर्टल ग्रामीण और शहरी कारीगरों को उनके उत्पादों के लिए बाजार प्रदान करता है। उत्पादकों और उपभोक्ताओं को सीधे जोड़ने वाला मंच। पारंपरिक हस्तशिल्प और अन्य उत्पादों को प्रमोट करने का प्रयास।
कारीगरों को बेहतर मूल्य प्राप्त होता है। उपभोक्ताओं को सनातनी परंपराओं को दर्शाने वाले उत्पाद आसानी से मिलते हैं।
रोजगार बढ़ाने के लिए
महिलाओं के लिए विशेष प्रशिक्षण, जैसे सिलाई केंद्र, खाद्य प्रसंस्करण, और हस्तकला।
महिलाओं को संगठित करके सहकारी संस्थाओं के माध्यम से सामूहिक व्यवसाय चलाने में मदद।
रोजगार के अवसर बढ़ाना और समाज को आत्मनिर्भर बनाना केवल संगठन का कर्तव्य नहीं, बल्कि समाज के हर व्यक्ति की जिम्मेदारी है।आइए, साथ मिलकर इस में सहयोग करें और एक सशक्त और समृद्ध समाज का निर्माण करें।
"आपका छोटा सा प्रयास किसी का भविष्य संवार सकता है।"
"सनातन धर्म की जय!"