मेरठ में 30 परिवारों के 150 लोगों की घर वापसी

उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले में हाल ही में 30 परिवारों के लगभग 150 लोगों ने ईसाई धर्म छोड़कर पुनः सनातन धर्म को अपनाया। यह घर वापसी कार्यक्रम एक विशेष धार्मिक आयोजन के दौरान संपन्न हुआ, जहां इन परिवारों ने अपने मूल धर्म में लौटने की शपथ ली। इस आयोजन ने स्थानीय समुदाय में चर्चा का केंद्र बनकर धर्म परिवर्तन के मुद्दे को फिर से उजागर किया।

इन परिवारों ने बताया कि उन्हें बेहतर शिक्षा, आर्थिक सहायता, और अन्य प्रकार के प्रलोभनों के माध्यम से ईसाई धर्म अपनाने के लिए प्रेरित किया गया था। कई लोगों ने यह स्वीकार किया कि उन्हें अपने धर्म और परंपराओं की आलोचना करने के लिए मजबूर किया गया। हालांकि, धर्म परिवर्तन के बाद भी वे मानसिक और आध्यात्मिक शांति का अनुभव नहीं कर सके। धीरे-धीरे उन्होंने अपने मूल धर्म के महत्व और इसकी गहराई को समझा, जिससे उन्हें पुनः घर वापसी का निर्णय लेने की प्रेरणा मिली।

इस अवसर पर धार्मिक और सामाजिक संगठनों के नेताओं ने इन परिवारों का स्वागत किया और उन्हें सनातन धर्म के मूल सिद्धांतों और सांस्कृतिक धरोहर की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि सनातन धर्म न केवल धार्मिक सहिष्णुता का प्रतीक है, बल्कि यह एक ऐसा मार्ग भी है जो व्यक्ति को आत्मिक संतुलन और सामाजिक जिम्मेदारी का पाठ सिखाता है।

घर वापसी कार्यक्रम में शामिल लोगों ने यह भी कहा कि अब वे अपने पारंपरिक रीति-रिवाजों और धार्मिक मान्यताओं का पालन करेंगे। उन्होंने समाज से अपील की कि धर्म परिवर्तन के लिए दिए जाने वाले प्रलोभनों के प्रति सतर्क रहें और अपनी संस्कृति और परंपराओं को संरक्षित करने के लिए जागरूक रहें।

यह घटना मेरठ में धर्मांतरण के मुद्दे पर एक महत्वपूर्ण संदेश देती है। घर वापसी के इस कदम को सनातन धर्म के सामाजिक और आध्यात्मिक शक्ति के रूप में देखा जा रहा है, जो लोगों को उनकी जड़ों से जोड़ने का प्रयास करता है। स्थानीय समाज ने इसे एक सकारात्मक पहल मानते हुए उन परिवारों को फिर से अपने समुदाय में शामिल करने का आश्वासन दिया है। यह घटना उन प्रयासों का हिस्सा है जो समाज में धार्मिक संतुलन और एकता बनाए रखने के लिए आवश्यक हैं।