मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का सनातन धर्म पर वक्तव्य

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हाल ही में सनातन धर्म के महत्व और उसके मूल्यों पर एक प्रभावशाली वक्तव्य दिया। उन्होंने कहा कि सनातन धर्म न केवल भारत की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक विरासत है, बल्कि यह मानवता के कल्याण और विश्व शांति का मार्ग भी प्रशस्त करता है। योगी आदित्यनाथ ने यह भी कहा कि यदि देश सुरक्षित है, तो धर्म भी सुरक्षित रहेगा, और यह हर नागरिक की जिम्मेदारी है कि वह अपने धर्म और संस्कृति की रक्षा करे।

मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में सनातन धर्म को एक सार्वभौमिक जीवन पद्धति बताया, जो न केवल आध्यात्मिक उन्नति का मार्ग दिखाती है, बल्कि समाज को नैतिकता और सहिष्णुता का पाठ भी पढ़ाती है। उन्होंने कहा कि सनातन धर्म में सभी को जोड़ने और सभी का सम्मान करने की अद्भुत क्षमता है। यह धर्म किसी एक व्यक्ति या समाज तक सीमित नहीं है, बल्कि इसमें संपूर्ण सृष्टि का कल्याण निहित है।

योगी आदित्यनाथ ने यह भी कहा कि आज आवश्यकता है कि हम अपनी परंपराओं और मूल्यों को समझें और उन्हें आने वाली पीढ़ियों तक पहुंचाएं। उन्होंने जोर देकर कहा कि सनातन धर्म केवल पूजा-पद्धतियों तक सीमित नहीं है, बल्कि यह हमारे दैनिक जीवन के हर पहलू में गहराई से समाहित है।

अपने वक्तव्य में मुख्यमंत्री ने उन लोगों को भी चेतावनी दी जो सनातन धर्म और उसकी मान्यताओं पर प्रश्न उठाते हैं। उन्होंने कहा कि कुछ लोग समाज में विभाजन और भ्रम फैलाने का प्रयास कर रहे हैं, लेकिन सनातन धर्म की गहरी जड़ें और उसकी सहिष्णुता इन सभी चुनौतियों का सामना करने में सक्षम है।

मुख्यमंत्री ने उत्तर प्रदेश में सनातन धर्म की रक्षा और प्रचार-प्रसार के लिए सरकार द्वारा उठाए गए कदमों का भी उल्लेख किया। उन्होंने बताया कि सरकार ने धार्मिक स्थलों के विकास, सांस्कृतिक कार्यक्रमों के आयोजन, और युवाओं को सनातन संस्कृति से जोड़ने के लिए कई योजनाएं शुरू की हैं।

योगी आदित्यनाथ के इस वक्तव्य ने समाज में धर्म और संस्कृति की रक्षा के प्रति एक नई जागरूकता पैदा की है। उनका संदेश न केवल सनातन धर्म के अनुयायियों के लिए प्रेरणादायक है, बल्कि यह हर नागरिक को अपनी संस्कृति और परंपराओं के प्रति गर्व और जिम्मेदारी का अनुभव कराता है। यह वक्तव्य भारत की एकता और उसकी सांस्कृतिक विरासत की स्थिरता को मजबूत करने के लिए एक महत्वपूर्ण संदेश है।